मिरगी बहुत भयानक रोग है जिसकी स्थायी चिकित्सा नहीं हो पाती, किन्तु इस में कमी अवश्य आ जाती है । इसके लिये तीन पाव ऊंटनी का ताजा दूध लेकर मिट्टी की हांडी में डाल लें और इसमें चार तोला अंगूरी सिरका मिला दें । अब इसे आग पर गरम करें । जब यह दूध फट जाये तो इसे छान लें और इसके पानी में छ: तोला शर्बत जोफा मिलाकर प्रतिदिन रोगी को सेवन करायें ।
साथ ही खाने के पश्चात् दोनों समय उसे एक-एक तोला बादाम रोगन दें । इस विधि से पर्याप्त लाभ होता है ।