स्वास्थ्य क्या है एंव मानव-जीवन में स्वास्थ्य का क्या महत्त्व है, इतना परिचय प्राप्त करने के पश्चात् अब आपको देखना है कि क्या आप स्वस्थ हैं । आइये ! कुछ देर के लिए दर्पण के सामने खङे होकर आपने-आप पर एक गम्भीर दृष्टि डाले और इस बात का निर्णय करें कि आपका स्वास्थ्य कैसा है ।
सामने, दर्पण में जिस छवि पर आपकी दृष्टि है, इसे ऊपर से नीचे तक गम्भीरतापूर्वक देखें और अपनी निष्पक्ष राय कायम करें । आपको देखना है कि –
- द्रपर्ण में आप कितने वर्षों के दिखाई दे रहे है ? यदि अपनी उम्र से अाप कुछ वर्ष कम ही दिखाई पड़ते है तो ठीक है अन्यथा समझना चाहिए कि आप स्वस्थ नहीँ हैं – अर्थात् आपके स्वास्थ्य के साथ कुछ ऐसे कारण अवश्य है, जो आपकी ठीक आयु के वर्षों को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं ।
- सामान्य रूप से आपका शारीरिक व्यक्तित्व केसा दीख रहा हैं ? – यदि आप शरीर में भरपूर आकर्षण एवं भिन्न अंगों को “बेलेन्स्ड’ अनुभव करते हैं तो ये स्वस्थता के लक्षण है।
- आपकी मुखाकृति कैसी लग रही हैं ? त्वचा की रंगत एव मांसल कपोलों में क्या लाली झांकती दिखाई देती है? क्या आंखों में चमक है ?
- क्या आपका मस्तक झुर्रियों से खाली है ? और क्या इससे ऊपर सर के बाल घने, मजबूत, चमकदार एवं काले हैं ?
- क्या शरीर के दूसरे अंग स्वस्थ दिखाई पङते हैं ? पेट फूलकर बाहर तो नहीं उभर आया ?
- क्या आप अपने कद के अनुसार सामान्य शारीरिक आकार में ही है या अधिक मोटे अथवा दुबले दिखाई दे रहे हैं ? और क्या शरीर में सुडौलता के दर्शन हो रहे हैं ? कहीं ऐसा तो नहीं है कि कोई अंग शरीर से बेमेल एक बेढंगा-सा दीख रहा है ?
इस प्रकार सामान्य रूप से आपने दर्पण के सामने खङे होकर अपने आपको गहराई से देखा है । अब यह निर्णय करें कि सामान्य स्वास्थ्य कैसा है ।
अब आपको आराम से बैठकर, अपने स्वास्थ्य के बारे में, इन बातों का पता लगाना है-
- दर्पण में आपको अपना चेहरा कैसा दिखाईं दिया – अर्थात् क्या इसे एक नजर देखने से आपने अनुभव किया कि इस पर ताजगी फैली हुई हैं ? कहीं ऐसा तो नहीं लग रहा कि चेहरा मुरझा-सा गया है ?
- क्या आंखें चहकती-चमकती-सी यह बता रही हैं कि आप संतुष्ट एवं प्रसत्र हैं ? कहीं इनमें झांकने से यह महसूस तो नहीं हो रहा कि चिन्ता, दुख एवं निराशा ही आपके पास है ?
- क्या होंठों पर मुस्कान खेल रही है अथवा ये हंसना भूल गये है ?
चेहरा मन का दर्पण होता है और एक नजर इसे देखने भर से पता चल जाता है कि व्यक्ति की मानसिक स्थिति कैसी है । चेहरे पर आपकी भावनाओं की लकीरें उभरी रहतीं हैं जिन्हें देखकर यह नतीजा निकाला जा सकता है कि मानसिक स्वास्थ्य कैसा है ।
आपके हृदय की धड़कनों में वलवले पनपते है या निराशा ने इन्हें घायल कर दिया है ? आप में जीवन के लिए संघर्ष करने की ताकत एवं दृढ़ता है या नहीं – आदि ।
और अन्त में आपको अपने शारीरिक अंगों पर भी ध्यान देना है । अपने स्वास्थ्य के सम्बन्ध में अतिम निर्णय करने के लिए शरीर की भिन्न क्रियाओं-प्रतिक्रियाओं का पता लगाना अनिवार्य है ।
- क्या अपने शरीर में आप स्फूर्ति एव शक्ति अनुभव करते है ?
- क्या आप शरीर के किसी भी भाग से कोई शिकायत तो महसूस नहीं करते हैं ?
- क्या आप हमेशा नाक द्वारा ही गहरे सांस लेते-छोड़ते हैं ? और क्या श्यास-क्रिया के सम्पादन में फेफड़े सुचारु रूप से अपना कार्य कर रहे हैं ?
- क्या आपकी आखें, नाक, कान आदि अंग स्वच्छ एवं साफ रहते है ?
- क्या आपके दांत तथा मसूढे कमजोर और गंदे तो नहीं है हैं आप बार-बार थूकते तो नहीं ? मुह का स्वाद तो खराब मालूम नहीं देता ?
- क्या आप काम करते समय थकान महसूस तो नहीं करते हैं ?
- क्या आपका पेट ठीक रहता है ? और आपको खुलकर भूख लगती है ? अपच या कब्त की शिकायत तो अनुभव नहीं करते ?
- क्या आप में यौन-शक्ति पर्याप्त है ? कहीं ऐसा तो नहीं है कि आपको निराश होना पङता हो ?
- क्या आपकी शारीरिक त्वचा मुलायम और साफ हैं
- क्या आपको पसीना खुलकर जाता है, और क्या पसीने में दुर्गन्ध तो नहीं होती ?
तात्पर्य यह कि आपको अपने मन एवं शरीर का पूर्ण एवं निष्पक्ष रूप से विश्लेषण करना है, अपने सभी शारीरिक अंगो एवं मानसिक भावनाओं पर गम्भीर दृष्टि डालनी है और तब इस बात का निर्णय करना है कि क्या आप स्वस्थ है ।