कारण
प्राय: एक ही स्थिति में काफी देर तक बैठे या लेटे रहने से रक्तवाहिनियों तथा मांसपेशियों में दबाब पैदा होता है जिसके कारण शरीर का वह भाग सुन्न (शून्य) हो जाता है । इसके अलावा शरीर में खून की कमी, पौष्टिक भोजन का अभाव, शारीरिक दुर्बलता, प्राण वायु की कमी तथा रक्तप्रवाह में बाधा उत्पन्न होने से भी शरीर में अंग शून्यता अा जाती है
लक्षण
इस रोग में शरीर का स्थान विशेष संज्ञा-शून्य हो जाता है । उस स्थान को दबाने पर कोई अनुभूति नहीं होती । इसके अलावा हल्की झनझनाहट भी होती रहती है । कई बार शरीर में सुई चुभने जैसे लक्षण प्रकट होते हैं । कभी – कभी वह स्थान फड़कने भी लगता है ।
उपचार
प्रात: काल खाली पेट एक मुट्ठी भीगे चने चबाकर खाएं ।
- गेहूं के 10 ग्राम दानों को एक गांठ सोंठ और एक कली लहसुन के साथ पीस लें । फिर इसे सुन्न हो जाने वाले स्थान विशेष पर लगाएं ।
- गेहूं के आटे का पतला लेप बनाकर रख लें । फिर इसे सुन्न स्थान पर सुबह-शाम लगाएं ।
- रात को थोङी – सी मूंग की दाल पानी में भिगो दें । सुबह उसका पानी निथारकर सुन्न होने वाले स्थान पर लगभग दस दिनों तक लगाएं ।
हाथ – पैरों व शरीर सुन्न हो जाना के कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खे? haath – pairon va shareer sunn ho jaana ke kaaran, lakshan, aayurvedik va ghareloo nuskhe? Due to the numbness of hands and body, symptoms, Ayurvedic and home remedies?