दूध गर्मी के कारण उत्पन्न होने वाले अनेक रोगों के लिये बहुत लाभप्रद है । ये रोग दिल की धङकन, प्यास की अधिकता, स्वप्नदोष तथा दिल का डूबना आदि हो सकते हैं ।
इसके लिये आधा सेर गाय या बकरी का दूध लेकर मिट्टी के नये बर्तन में डाल दें और रात-भर इसे किसी ऊंचे स्थान पर लटकाये रखें । बर्तन का मुंह खुला छोड़ दें ताकि रात-भर इसमें चांद के प्रकाश की किरणें पङती रहें । प्रात: के समय इस दूध में तीन तोले मिश्री मिलाकर रोगी को सेवन कराने से लाभ होता है ।