तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को कार्डियक अरेस्ट आया था। चेन्नई के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन डॉक्टरों की कोशिश कामयाब नहीं हो पाई और कल रात जयललिता का निधन हो गया। हार्ट अटैक से अलग है कार्डियक अरेस्ट…
कार्डियक अरेस्ट आने पर हार्ट ठीक से पंप नहीं कर पाता और ब्लड सर्कुलेशन गड़बड़ हो जाता है। इससे बॉडी पार्ट्स काम करना बंद कर देते हैं। हार्टबीट इरेग्युलर हो जाती है। स्थिति बिगड़ने पर पेशेंट की सांस रुक जाती है। वहीं हार्ट अटैक आने पर आर्टरीज ब्लॉक हो जाने के कारण ब्लड हार्ट तक नहीं पहुंच पाता। वक्त रहते यह ब्लॉकेज न हटने पर हार्ट काम करना बंद कर देता है।
बॉम्बे हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. इदरीस खानका कहना है कि ज्यादातर केसेस में हार्ट डिजीज के संकेत करीब महीनेभर पहले दिखाई देने लगते हैं। वक्त रहते इन्हें पहचान कर सही इलाज शुरू कर दिया जाए, तो प्रॉब्लम को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए कौन से संकेत बताते हैं कि आपको कार्डियक अरेस्ट की प्रॉब्लम हो सकती है।
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