सूखा आंवला 150 ग्राम, बडी हरड़ की छाल 150 ग्राम, नागरमोथा 150 ग्राम, ब्राह्मी बूटी सूती 150 ग्राम, जटामासी 10 ग्राम एवं कपूर 30 ग्राम – इस सबको 700 ग्राम पानी में बारीक पीसकर लुगदी बनाएं और एक दिन वैसे ही पानी में पडा रहने दें ।
दूसरे दिन 1 किलो विशुद्ध खोपरे या तिल्ली के तेल में यह लुगदी मिलाकर बहुत मंदी आंच पर पकाएं। जब सब पानी जल जाए और तेल की मात्रा शेष रह जाए तो उतारकर ठण्डा कर छान लें ।
फिर एक ग्राम हरा पक्का तेल, रंगने का रंग, 3 ग्राम पिपरमेन्ट और 20 ग्राम इलायची का तेल डालकर खूब अच्छी तरह मिलाकर बोतलों में भर कार्क लगा दें ।
यह तेल नेत्रों की ज्योति बढ़ाता है, दिमाग को तर रखता है, बुद्धि की वृद्धि करता है, बालों की जङों को पुष्ट करता है तथा स्मरण शक्ति बढ़ाता है।