लक्षण
जो मनुष्य दुर्बलता के कारण स्त्री से संभोग करने में असमर्थ हों, जल्दी स्खलित को जाएं, स्त्री की इच्छा को तृप्त न कर सकें उसे नपुंसक या नामर्द कहते हैं ।
कारण
अधिक मिर्च खटाई खाने से वीर्य के तरल हो जाने पर, कुसंगति में पड़ने पर गुदामैथुन, हस्तमैथुन या अधिक मैथुन से वीर्य के क्षय हो जाने पर यह रोग उत्पन्न होता है । वृद्धावस्था आने पर भी इन्दियों में दुर्बलता के करण यह रोग हो जाता है ।
उपचार
अपनी शक्ति के अनुसार 10 ग्राम से लेकर 20 ग्राम तक लहसुन की कलियां शहद के साथ सुबह – शाम खाने पर कामशक्ति जागृत होती है और नपुंसकता का दमन करती है । लहसुन का प्रयोग कामशक्ति जागृत करने में बहुत गुणकारी है ।
- 62 ग्राम लहसुन को देशी घी में तलकर प्रतिदिन खाने से नपुंसकता नष्ट होती है । काम शक्ति बढ़ती है ।
- 200 ग्राम लहसुन को पीसकर 600 ग्राम शहद में मिलाकर शीशी में भरकर गेहूं के ढेर या बोरी में एक माह तक दबा दें । एक माह बाद निकालकर 15 ग्राम प्रातः व शाम को खाकर गर्म दूध पिएं । यह प्रयोग एक माह करें । बहुत लाभ होगा । इससे बल-वीर्य बढ़ेगा ।
- पांच कली लहसुन की चबाकर दूध पिएं । यह प्रयोग सर्दी भर नियम से करें । स्त्रियों यदि यह प्रयोग करें । स्त्रियों यदि यह प्रयोग करें तो बन्धत्व (बांझपन) दूर होगा।
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