एक प्रसिद्ध वस्तु है । हर स्थान पर यह उपलब्ध हो जाती है । यह मधुमकि्खयों के छत्तों से भी प्राप्त होता है ।
मोम घावों को साफ करने तथा उनको भरने में सहायता देता है । इसका प्रयोग तेल में मिलाकर किया जाता है । इसके अतिरिक्त मोम से हर प्रकार के दर्द से छुटकारा मिलता है ।
मोम एक तोला को तीन तोला तिलों के तेल में डालकर आग पर पकाएं । सीने या पसली में दर्द हो या शरीर के किसी दूसरे अंग में रीह का दर्द हो या सर्दी लग जाने के करण दर्द हो तो इस तेल की मालिश करने से आराम मिलता है ।
कई स्त्रियों के स्तनों में दूध जम जाता है या किसी भी प्रकार की चोट लगने से दर्द होने लगता है या गांठ पड़ जाती है । ऐसी हालत में मोम की टिकिया बनाकर कुछ दिनो तक बांधने से सब ठीक हो जाता है ।
चार-चार रत्ती मोम की गोलियां बनाकर चांदी के वर्क में लपेटकर एक-एक गोली प्रातः तथा सायं को खाने से बाह रोग की शिकायत जाती रहती है । कई चिकित्सकों का कहना है कि इसमें खूनी बवासीर को भी आराम मिलता है । यदि पेचिश हो या भीतर कोई फोङा हो या पुराने दस्त हों तो वे भी इसके सेवन से रुक जाते हैं ।