अपने-आपका निरीक्षण कर लेने के बाद इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा कि आप स्वस्थ है या अस्वस्थ?
यदि उपर्युक्त परीक्षण के बाद आप अनुभव करने लगे हैं कि आपकी सेहत ठीक नहीं हैं तो अब विचार करें कि आपकी अस्वस्थता के क्या कारण हैं? वे कौंन-सी बातें है, जो आपको अस्वस्थ बनाने का कारण बनी है ? तथा अपने शरीर में आप कहां एवं कैसा कष्ट अनुभव करते हैं? इसी प्रकार अपने मानसिक स्वास्थ्य पर गम्भीर दृष्टि डालते हुए यह निष्कर्ष निकालें कि आपकी मानसिक अस्वस्थता के क्या कारण हो सकते हैं?
आपने अपने स्वास्थ्य का निरीक्षण कर लिया तथा यह ज्ञात हो गया कि आपके शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य में अभाव कहाँ है – कैसा है? इतना भर जान लेने से आपको बहुत लाभ होगा। इसलिए कि जब किसी व्यक्ति को यह पता चल जाता है कि वह बीमार है तो उसे अपने स्वास्थ्य की चिंता होना स्वाभाविक ही हैं तथा इसे दूर करने के लिये वह प्रयत्नशील भी होता है। उदाहरण के लिए मान लें कि आप कहीँ पैदल चले जा रहे हैं। चलते-चलते आप एक ऐसे स्थान पर पहुंच जाते हैँ, जहाँ से कि सड़क दायें-बायें एवं सीधे जाती है। नहीं जानते आप कि जिस जगह पर आपको पहुंचना है, उस ओर कौन-सी सङक जाती है-अथवा जानकारी रहने पर भी आप भूल जाते हैं और गलती में दायें ओर मुड़ने की बजाय सीधे ही चलते रहते हैं। आपको इस बात का अहसास नहीं है कि गलत रास्ते पर चले जा रहे हैं; बल्कि आप तो यह समझ रहे हैं कि यहीं रास्ता मंजिल तक जाता हैं। किन्तु जब अनायास ही किसी के बताने पर या किसी भी तरह यह रहस्य खुलता है कि आपकों दायें ओर जाना था और आ गये है सीधे ही, तो निश्चय ही अपनी भूल को सुधारकर सही रास्ते पर जाने का प्रयत्न आप करेंगे-आ भी जायेगे, क्योंकि आपको अपनी भूल का अहसास हो चुका है।
बिल्कुल यही बात स्वास्थ्य के बारे में कही जा सकती है । आपको जब यह अहसास हो गया कि कैसा अभाव अपने शरीर में अनुभव हुआ है आपको-कहां आप भूल कर रहे थे, तो उस अभाव को दूर कर, भूल सुधारना, कोई कठिन कार्य नहीं है।
तो आइये । हम शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी उन सभी बातों पर विस्तृत रूप से विचार करें, जिनकी जानकारी प्राप्त करके पूर्ण रूप से स्वस्थ रहा जा सकता है।