प्राय: बच्चों के और कभी-कभी बङों के कान में जब कोई बाहरी पदार्थ (अनाज का दाना, मोती आदि) पड़ जाये तो क्या में अंगुली या सलाई आदि न डालें । इससे वह पदार्थ कान के भीतरी भाग तक पहुंच सकता है । तब इसे निकालना कठिन ही नहीं होता बल्कि उस माग से सूजन उत्पन्न होकर स्थिति बिगङ सकती है ।
यदि पदार्थ कान के ऊपरी भाग में हो तो मोचने की सहायता से इसे बाहर की ओर धीरे-धीरे निकालें, किंतु यदि ऐसा संभव न हो तो कान में दो बूंद तिलों का तेल डालकर अत्यन्त सावधानी से बारीक सलाई द्वारा फंसे पदार्थ को ऊपर की ओर करें और फिर मोचने से इसे निकाल लें ।
यदि कोई जानवर (कीङा, मच्छर, मक्खी आदि) पङ जाये तो दिखाई पड़ने पर मोचने से निकाल लें । यदि दिखाई न दे तो कान में सरसों का तेल दो बूंद डालें । हाईड्रोजन पर-आक्साईड मिल से तो इसकी दो-तीन बूंदें डाल दें । इससे जानवर मर जायेगा । अब हल्ले गरम पानी की पिचकारी कान में करें । इससे मरा हुआ जानवर बाहर निकल आयेगा ।
यदि कान में पानी पङ जाये तो स्पंज या स्याहीचूस की बारीक बत्ती-सी बनाकर इसे कान में डालें । यह पानी को चूस लेगी ।