मिट्टी का ऐसा कूजा लें जिसमें आधा किलो पानी आ सके। सूखे आंवलों की धूल-मिट्टी धोकर कूजे में डाल दें और पानी से भरकर ढक्कन लगा दें। रात भर भीगने दें और सुबह साफ हाथों से आंवले उसी पानी में मसलकर छान लें। एक कप पानी में नमक या शक्कर मिलाकर पी जाएं । इससे गर्मियों में प्यास भी कम सताएगी, भूख भी लगेगी और घमौरी भी शान्त हो जाएगी। आंवला या आंवले के पत्तों की राख मेहंदी के पतों के साथ पीसकर वनस्पति घी में मिला लें। इसका लेप भी घमौरियों को दबाकर शरीर में ठंडक पहुंचाता है। गर्मियों या बरसात में नीबू-पानी पीते रहने वालों को शायद ही घमौरी निकलती हैं।
घमौरी के आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खे? ghamauree ke aayurvedik va ghareloo nuskhe? Ayurvedic and home remedies of Ghumori? घमौरियों, Gossip, ghamauriyon