कारण
आंखों में विभिन्न प्रकार के रोग जैसे धूप में चलना, ठंडी हवा का प्रभाव, नींद न आना, समय पर न सोना, रात में जागना, उल्टी को रोक लेना, आंखों में धुल पड़ जाना, आंखों में धूल और धुआं लगना, सिर तथा आंखों में चोट लगना, अधिक देर तक पढ़ना या आंखें गड़ाकर लिखना, धूप में चलने के बाद ठंडे पानी से स्नान कर लेना आदि कारणों से तरह-तरह के आँखों के रोग हो जाते हैं ।
लक्षण
आंखें कीचड़ फेंकने लगती हैं और लाल पड़ जाती हैं । कई खार सूजन भी आ जाती है । आँखों में कांटे की तरह खड़कन होती है । बार-बार पानी
आता है । दर्द भी होता है । कभी-कभी आंखों के कारण सिर में भी दर्द हो जाता है ।
उपचार
- प्याज के रस में उसकी दोगुनी मात्रा में शहद मिलाएं । रोज आँखों में डालें । यदि आंखों में ज्यादा लगे, तो उतनी ही मात्रा में गुलाब जल डाल दें ।
- नीम के पत्तों को उबालें, उसमें थोङी-सी फिटकिरी डालें और आँखों को अच्छी तरह धोएं । काफी लाभ होता है ।
- नीम के पत्तों का अर्क तथा मुण्डी का अर्क मिलाकर आंखों में डालने, से लाली छंट जाती है ।
- नीम के पत्ते और मकोय का रस मिलाकर आँखों की पलकों पर लगाने से लाली छंट जाती है और पानी निकलना भी बंद को जाता है ।
- बबूल तथा नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर शहद के साथ आँखों में लगाएं ।
- रसौत को पानी में घिसकर आंखों को पलकों पर लगाएं ।
- लहसुन की चार कलियां पानी में भिगो दें । सुबह जलपान से पूर्व इन कलियों को खाकर ऊपर से वह पानी भी पी लें । इसके सेवन से मोतियाबिन्द भी नष्ट हो जाता है ।
Eye rog – kaaran, lakshan, aayurvedik upachaar va ghareloo upachaar, Eye disease – causes, symptoms, treatments and Ayurvedic Home Remedies, नेत्र रोग – कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार व घरेलू उपचार