गर्मी के मौसम से मिलने वाले फलों-नारंगी, अनन्तास, संतरा, तथा सांजियो-पालक, गाजर, अांवला, चुकन्दर आदि के रस शीतलता प्रदान करने के साथ अनेक रोगों को दूर करते हैं । ये शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता से भी वृद्धि करते हैं। इनसे अनावश्यक विटामिंस, खनिज लवण तथा एन्जाइम्स पाए जाते हैं । अत: अच्छे […]
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पुदीना द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा व घरेलू उपचार के बारे में जानकारी
गर्मियों के रोगों (दस्त, वमन, हैजा, पेट दर्द, अजीर्ण, चर्म रोग) में शुद्ध और अच्छे किस्म का पुदीना लें। इसको पीसकर रस निकाल लें । फिर छानकर एक शीशी में भर लें । लेकिन यह रस उतना ही रखें जितना दो दिन में प्रयोग करना हो । इसे चीनी के शरबत से मिलाएं । एक […]
गर्मियों में स्वास्थ्य रक्षक शरबत तथा पेयों के महत्व
गर्मियों में स्वास्थ्य रक्षक शरबत तथा पेयों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता । ऐसे द्रव जहां हमें गर्मी से छुटकारा दिलाकर शीतलता एवं तरोताजगी देते हैं, वहीं वे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व और रोग निरोधक शक्ति प्रदान करते हैं । ऐसे शरबतों एवं पेयों का आप भी लाभ उठाइए : छाछ या […]
लू से बचने के उपाय, लक्षण और उपचार की जानकारी
लू से बचने के उपाय धूप में अधिक समय तक नहीं रहें और छतरी का प्रयोग करें पास में प्याज की एक गांठ कपूर या पुदीना रखें भोजन के साथ प्याज की एक गांठ काटकर और उसमें नीबू मिलाकर खाएं धूप में जाने से पहले एक गिलास पानी पी लें प्यास के वेग को रोकें […]
जब पेट मांगे, तब खाना दीजिए
आज प्राय: सभी लोगो के भोजन का समय निश्चित होता है । समय होते ही लोग भोजन करने बैठ जाते है, चाहे भूख लगी हो या नहीं । अत: व्यक्ति भोजन भूख दूर करने के लिए नहीं, स्वाद लेने के लिए करता है । इससे रोगों की उत्पत्ति होती है । दुकानों और कार्यालयों में […]
शरीर की पुकार सुनिए और पहचानिये
पुराने जमाने के लोगों को अपने शरीर तथा उसके अंगों की पुकार सुनने की कला आती थी परंतु आज हमें अपने शरीर पर उचित ध्यान देने के लिए समय ही नहीं मिलता या यूं कहिए कि हम उस ओर ध्यान देने का समय ही नहीं निकालना चाहते । वास्तव में, शरीर के अंग किसी प्रकार […]
भोजन संबंधी कुछ विशेष नियम व सावधानियाँ
प्राकृतिक चिकित्सकों का यह मत अब धीरे-धीरे मान्यता प्राप्त करता जा रहा है कि गलत प्रकार के आहार-विहार से ही रोग उत्पन्न होते हैं । गलत और गरिष्ठ चीजों के खाने से शरीर के विकार बढ़ते हैं । शरीर के अंदर जो विजातीय तत्व एकत्रित हो जाते हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए आंतरिक अंगों […]
मांसाहार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
यूरोप और अमरीका के डॉक्टरों ने प्राचीन भारत के योगियों के इस कथन को बिल्कुल सही पाया है कि दीर्घ अवधि तक मांसाहार करने से अनेक प्रकार के घातक रोग हो जाते हैं । मनुष्य के दांतों-आंतों की संरचना एवं पाचन शक्ति के अनुसार शाकाहार उसके लिए सर्वश्रेष्ठ है । यही कारण है कि अब […]
सब्जियों से अधिकतम लाभ उठाने के उपाय
पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां सब्जियां प्रकृति की अनमोल पदार्थों में शामिल हैं । इनसे हमें आवश्यक विटामिंस, प्रोटीन, खनिज, वसा आदि प्राप्त होते हैं । सब्जियों के अधिक सेवन से सामान्यत: कोई हानि नहीं होती । अत: हम इनका मनचाहा उपयोग कर सकते हैं । ये हमारे स्वास्थ्य के लिए नितांत जरूरी हैं । […]
अंजीर द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा व घरेलू उपचार के बारे में जानकारी
अंजीर भारत का एक आम फल है, जिसे साधारण रूप में भी सेवन किया जाता है, किन्तु औषिध के रूप में भी यह अत्यन्त उपयोगी पदार्थ है। भिन्न रोगों से नीचे दिए गए उपायों से लाभ प्राप्त किया जा सकता है । बवासीर दो सुखे अंजीर को शाम को पानी में भिगो देना चाहिए । […]
भिन्न खाद्य-पदार्थ एवं सावधानियां के बारे में जानकारी होनी चहिए ?
खाने-पीने से हम प्राय: असावधान रहते हैं तथा कभी नहीं सोचते कि साधारण-सी बदपरहेजी भी कभी-कभी कितना भयानक रूप धारण का लेती है । हम से से शायद बहुत कम ऐसे व्यक्ति होंगे जो इस रहस्य से परिचित हों कि ऐसे कौन-से खाद्य-पदार्थ हैं जिन्हें एक साथ सेवन करने से हानि होती है। ऐसे बहुत-से […]
दस्त की समस्या का दूध द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा व घरेलू नुस्खे?
गाय का आधा सेर दूध लेकर उसे अच्छी प्रकार से उबालने के पश्चात् ठण्डा कर लें । अब लोहे का एक बड़ा टुकड़ा लेकर इसे आग में गरम करके लाल कर लें । अब इसे दूध में डाल दें । इसे इतनी देर तक दूध में पङा रहने दें कि यह ठण्डा हो जाये । […]
मिर्गी रोग का दूध द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा व घरेलू नुस्खे?
मिरगी बहुत भयानक रोग है जिसकी स्थायी चिकित्सा नहीं हो पाती, किन्तु इस में कमी अवश्य आ जाती है । इसके लिये तीन पाव ऊंटनी का ताजा दूध लेकर मिट्टी की हांडी में डाल लें और इसमें चार तोला अंगूरी सिरका मिला दें । अब इसे आग पर गरम करें । जब यह दूध फट […]
तुलसी एक अत्यन्त उपयोगी स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ है
भारत से तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है और इसका मुख्य कारण तुलसी के बेशुमार गुण ही हैं । इस पौधे के प्रत्येक अंश – अर्थात् पत्ते, फूल, जड़, फल आदि का प्रयोग होता है । तुलसी एक अत्यन्त उपयोगी स्वास्थ्य-वर्द्धक पदार्थ है । इसके प्रयोग से ह्रदय, रक्त, पित्त, कफ, पेचिश, ज्वर, […]
त्रिफला सिर से पैरों तक के अनेक रोगों की सरल एवं अचूक औषधि है?
तीन महत्त्वपूर्ण पदार्थों-हरङ (हलेला), बहेङा (बलेला), आंवला-के योग का नाम है त्रिफला । ये तीनो पदार्थ जितने साधारण एवं सस्ते हैं इनके गुण उतने ही अधिक हैं । त्रिफला सिर से पैरों तक के अनेक रोगों की सरल एवं अचूक औषधि है । इससे कब्ज दूर होती है, मेदे के भिन्न प्रकार के विकार दूर […]
भिन्न रोगों का संतरे द्वारा आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार जानिये ?
सन्तरा एक ऐसा फल हैं, जिसमें पाये जाने वाले भिन्न तत्व अत्यंत गुणकारी एवं उच्चकोटि के होते हैं। जब हम इसका सेवन करते हैं तो इसके तत्व हमारे शरीर में पहुंचकर खून और तंतुओं को क्षारमयी बना देते हैं । इससे विजातीय द्रव्य शरीर से बाहर निकल जाते हैं । पाचन क्रिया तथा अंतङियों पर […]
पानी कब और कैसे पीना चाहिए? इस सम्बन्ध में जानकारी अनिवार्य है ?
पानी कब और कैसे पीना चाहिए – इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करना उतना ही अनिवार्य है, जितना कि आहार सम्बन्धी नियमों की जानकारी । एक कहावत है कि “शीत ऋतु में पानी तभी पीना चाहिए जब इसकी जरूरत महसूस हो और गर्मी के मौसम में पानी जितनी बार मिल जाये, पी लेना चाहिए ।” […]
आखिर इतने पानी की हमारे शरीर को क्या आवश्यकता है ? जानिये
हमारे शरीर में 70 प्रतिशत पानी है । सम्भव है कि आपको आश्चर्य हो, किन्तु यह सत्य है कि इतना अधिक पानी हमारे शरीर में रहता है । तब आप यह प्रश्न पूछ सकते हैं कि आखिर इतने पानी की हमारे शरीर को क्या आवश्यकता है ? जी हाॅं, हमारे शरीर को वास्तव में इतने […]
स्वस्थ रहने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण पदार्थ है जल ?
जीवित रहने के लिये सर्वाधिक महत्वपूर्ण पदार्थ है जल । अन्य किसी भी खद्य-पदार्थ के अभाव से हम कुछ दिन तो अवश्य ही जीवित रह सकते हैं, किन्तु पानी के अभाव में एक दिन जीवित रह पाना भी कठिन है । हमारे शरीर को सबसे ज्यादा जरूरत पानी की ही होती है । प्यास अनुभव […]
आयोडीन हमारे शरीर को कहां से एवं किन उपायों से उपलब्ध होती है?
यह जानकारी प्राप्त करना भी अत्यधिक आवश्यक एवं रुचिकर है कि आयोडीन हमारे शरीर को कहां से एवं किन उपायों से उपलब्ध होती है । समुद्र-तट के समीप एक विशेष प्रकार की घास अथवा काई होती है । गर्मी के कारण जब यह गल-सड़ जाती है तो इसमें से आयोडीन की उत्पत्ति होती है तथा […]